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Saturday, October 23, 2010

कौन हूँ मैं............?

कौन हूँ मैं ?


क्यों पूछ रहे हो मुझसे ये सवाल तुम?


क्या तुम नही जानते कि मैं तुम्हारा प्यार हूँ 


तुम्हारा प्यार सिर्फ तुम्हारा प्यार


सच्चा प्यार बेइंतिहाँ प्यार करती हूँ तुमसे


कहाँ ढूढ़ रहे हो मुझे


इस दुनिया में?


हा हा हा इस मतलबी दुनिया में तुम प्यार ढूंढ रहे हो?


वाह! क्या तुम अब तक नही जागे?


जागो, उठो और जान लो कि इस दुनिया में प्यार कहीं नही है


तुम्हारी किस्मत अच्छी है जो इस दुनिया में प्यार ना होने के बावजूद तुम्हे मैं 


प्यार के रूप में मिल गयी


अब तक ढूढ़ रहे हो मुझे?


अपनी चेतना को कहो कि जागे


और मुझे देखे , आजमाए|

कहा ढूंढ रहे हो मुझे 


अरे मैं इधर हूँ 


हाँ मैं इधर ही हूँ तुम्हारे पास, तुम्हारे दिल में, तुम्हारी साँसों में, तुम्हारी हर रग रग में मैं हूँ


तुम्हारे साथ निरंतर चल रही हूँ,तुम्हारे साथ सोती हूँ ,तुम्हारे साथ उठती हूँ


तुम क्या करते हो क्या नही करते ? मैं हर एक पल में तुम्हारा साथ देती हूँ


कब परेशां होते हो कब खुश होते हो कब हँसते हो कब रोते हो


मुझे पता होता है इसलिए तो मैं भी तुम्हारे साथ हँसती हूँ जब रोते हो तो रोती हूँ


कितना प्यार करते हो ना तुम भी मुझसे.जब मैं रोती हूँ तो तुम भी रो देते हो


तुम्हे पता है जब तुम्हे चोट लगती है तो दर्द मुझे भी होता है


जब तुम कराहते हो तो मैं भी कराह उठती हूँ


जब तुम थकते हो मैं भी थक जाती हूँ


कितना प्यार करती हूँ तुमसे


जब जब तुम्हे मेरी ज़रूरत पड़ती है तब तब मैं तुम्हे आवाज़ देती हूँ


तब तब बताती हू कि क्या सही है क्या गलत


तुम्हारे फैसले भी मेरी मर्ज़ी से होते है


मुझे तुम्हारे साथ रहना पसंद है 


विश्वास करो,मैं तुम्हारे साथ रह रही हूँ तभी तुम अब तक जिंदा हो


वरना कब के मर गए होते


लोगो को कहते फिरते हो कि तुम्हे कोई प्यार नही करता


लोगो को कहते फिरते हो कि तुम प्यार के भूखे हो


लोगो को कहते फिरते हो कि तुम्हे तुम्हारा प्यार नही मिल पाया


लोगो को कहते हो,बस कहते हो और कहते हो


यकीं करो मेरा तुम जो कहते हो वो गलत कहते हो


तुम्हे तुम्हारा प्यार मिला है 


तुम अकेले नही हो


मैं हूँ तुम्हारे साथ 


जब तुम आये थे इस दुनिया में


मैं तभी तुम्हारी जिंदगी में आ गयी थी


लेकिन तुमने मुझे पहचाना ही नही


लेकिन आज खुल के बात कर रहे हो मुझसे


ये वादा करती हूँ तुमसे 


जब जाओगे ये दुनिया छोडकर 


तब ही जाऊँगी मैं भी


मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ तुमसे जी जान से प्यार करती हूँ


तुम्हारी हूँ मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी


किसी और की नही हो सकती....जब तक जिंदा हूँ तुम्हारी ही रहूंगी....




मैं तुम्हारी आत्मा हूँ................






दिल से धन्यवाद,


मोहक शर्मा...........

6 comments:

Darshan Lal Baweja said...

बहुत ही सुंदर
विज्ञान गतिविधीयाँ नई पोस्ट मैजिक नहीं ट्रिक है ये
क्यों और कैसे विज्ञान मे नई पोस्ट रंग बदलती गिरगिट

Ajay Singh Chauhan said...

bahut hi shaandar peshkash, isi tarah likhte rahiye. Abhaar.

neharsi said...

guuud oneeee......writer jiii

Sanjeev Goel said...

bahut hi sundarta ke saath varnana kiya hai aapne........bahut bahut bahai hai aapko n wish u all d best.

Prity said...

बहुत खूब ..... मैं तुम्हारी ______ हूँ ..... ये सस्पेंस अंत तक बना रहा ....अच्छा लगा.....

Prity said...
This comment has been removed by the author.